Geeta Jayanti - गीता के उपदेशों का पालन करने से व्यक्ति को कठिन से कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है।
आज गीता जयंती है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व होता है, गीता में समस्त जीवन का सार है। गीता जयंती (Geeta Jayanti) के दिन गीता के उपदेशों को पढ़ना, सुनना और बताए गए मार्ग पर चलना बहुत ही शुभ माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार अगहन (मार्गशीर्ष) माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी की तिथि पर गीता जयंती का त्योहार मनाया जाता है। मोक्षदा एकादशी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
गीता (Geeta) की खाश बातें...
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म और कर्म को समझाते हुए उपदेश दिया था। महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा जो उपदेश दिया था उसे गीता कहा जाता है। गीता के उपदेश (Geeta Ke Updesh) में जीवन जीने, धर्म का अनुसरण करने और कर्म के महत्व को समझाया गया है। गीता में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, 94569 शब्दों में वर्णित और 578 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया या है इस पुराण को। गीता ही ऐसा ग्रंथ है जिसकी प्रतिवर्ष जयंती मनाई जाती है।
गीता के विश्व विख्यात अन्य नाम...
गीता को श्रीमदभगवत गीता और गीतोपनिषद के नाम से जाना जाता है। गीता (Geeta) के उपदेशों को आत्मसात और अनुसरण करने से व्यक्ति को कठिन से कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास, समस्त कठिनाईयों और शंकाओं का निवारण होता है और जीवन में सफलता प्राप्ति होती है। गीता के उपदेश में जीवन को जीने की कला, प्रबंधन और कर्म सब कुछ है।