Pegasus Case Updates: जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट अंतरिम है। ऐसे में माना जा रहा है समिति अदालत से कुछ और वक्त मांग सकती है। दरअसल, समिति की ओर से 18 अप्रैल को सभी पुलिस प्रमुखों को पत्र लिखकर पूछा गया था कि उन्होंने इस्राइल का पेगासस स्पाईवेयर खरीदा है या नहीं?
पेगासस वायरस जासूसी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस नागेश्वर राव और जस्टिस हिमा कोहली की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। इस दौरान पीठ इस मामले में अदालत द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट पर भी विचार कर सकती है।
सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट अंतरिम है। दरअसल, इस मामले में कुछ अन्य बिंदुओं का विश्लेषण किया जाना बाकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि समिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से और वक्त मांग सकती है। दरअसल, समिति ने 18 अप्रैल को सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या उन्होंने इस्राइल का पेगासस स्पाईवेयर खरीदा था?
करीब 1400 लोगों की जासूसी का है आरोप
इस्राइली सॉफ्टवेयर पेगासस के माध्यम से भारत में करीब 1400 लोगों की जासूसी कराने का आरोप है। दावा किया गया था कि 2019 में मोबाइल फोन या सिस्टम व लैपटॉप के जरिए 1400 लोगों की जासूसी सरकार ने कराई थी। इसमें 40 बड़े पत्रकार, विपक्षी नेता, केंद्रीय मंत्री, सुरक्षा एजेंसियों के कई अधिकारी, उद्योगपति शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स से खुला था मामला
पेगासस जासूसी कांड का खुलासा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से हुआ था। रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र था कि 2017 में जब भारत सरकार ने इस्राइल से दो अरब डॉलर का मिसाइल सौदा किया था तभी पेगासस स्पाईवेयर भी खरीदा गया था। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई थी। हालांकि, सरकार ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया था।
12 याचिकाएं हुई थीं दाखिल
पेगासस मामले की स्वतंत्र जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में 12 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मामले में 12 जनहित याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है। इनमें एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार द्वारा दायर जनहित याचिकाएं शामिल हैं।
क्या है पेगासस स्पाईवेयर