यौन उत्पीड़न मामले में साउथ अभिनेता विजय बाबू को राहत मिली है। दरअसल, इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने विजय बाबू को हाईकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की और इस दौरान कोर्ट ने इस अग्रिम जमानत में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। साथ ही अभिनेता पर कुछ शर्तें पर भी लगाई हैं।
दरअसल, विजय को केरल हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर हुई थी। केरल सरकार के वकील ने इस याचिक पर जल्द सुनवाई करने का निवेदन भी किया था, जिसके चलते आज यानी 6 जुलाई को इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई में केरल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए विजय बाबू की अग्रिम जमानत को रद्द करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने विजय बाबू पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। कोर्ट के विजय बाबू को बिना अनुमति राज्य से बाहर जाने पर रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा कि वह गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे और ना ही अभिनेत्री या इस मामले से जुड़ा कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर करेंगे।
बता दें कि विजय बाबू पर एक महिला ने यौन उत्पीड़न करने और फेसबुक लाइव कर उसकी पहचान उजागर करने का आरोप लगाया था। इसके बाद अभिनेता के खिलाफ 22 अप्रैल को दर्ज की गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज हुआ। महिला विजय बाबू के प्रोडक्शन हाउस द्वारा निर्मित फिल्मों में भी काम कर चुकी है। अभिनेता ने फेसबुक लाइव आकर खुद को निर्दोष बताया था।
विजय बाबू ने फेसबुक लाइव में कहा था, 'वह असली शिकार है।' इतना ही नहीं विजय बाबू ने इस दौरान पीड़िता की पहचान का खुलासा भी किया, जो कि एक अपराध है। उस पर एक और मामला भी दर्ज किया गया। गौरतलब है कि अग्रिम जमानत मिलने के बाद भी विजय बाबू पूछताछ के लिए पुलिस के सामने कई बार पेश हो चुके हैं।